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Thursday, 8 February 2018

Hame To Ab Bhi Wo Gujra Jamana Yaad Aata Hai lyrics in Hindi

            हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है 


हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है -2 
तुम्हे भी क्या कभी कोई दीवाना याद आता है 
हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है

हवाएं तेज़ थी बारिश भी थी तूफ़ान भी था लेकिन -3 
तेरा ऐसे में भी वादा निभाना याद आता है -2 
हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है

गुजर चुकी थी बहुत रात बातों बातों में -3 
फिर उठ के वो तेरा शम्मा बुझाना याद आता है -2 
हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है

घटाएं कितनी ही देखी हैं पर मुझे 'इसरार' -3 
किसी का रुख पे वो जुल्फें गिराना याद आता है -2 
हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है
तुम्हे भी क्या कभी कोई दीवाना याद आता है 
हमें तो अब भी वो गुजरा जमाना याद आता है

                                                           ~ मुनीर नियाज़ी                           

 

Wednesday, 7 February 2018

Chamakte Chand Ko Tuta Hua Tara Bana Dala lyrics in Hindi

            चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला 

फिल्म: आवारगी (1990)

गीतकार: आनंद बक्षी

संगीतकार: अनु मालिक

स्वर: गुलाम अली

  

चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला
मेरी आवारगी ने मुझको आवारा बना डाला

बड़ा दिलकश, बड़ा रँगीन, है ये शहर कहते हैं
यहाँ पर हैं हज़ारों घर, घरों में लोग रहते हैं
मुझे इस शहर की गलियों का बंजारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

मैं इस दुनिया को अक्सर देखकर हैरान होता हूँ
न मुझसे बन सका छोटा सा घर, दिन रात रोता हूँ
खुदाया तूने कैसे ये जहां सारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

मेरे मालिक, मेरा दिल क्यूँ तड़पता है, सुलगता है
तेरी मर्ज़ी, तेरी मर्ज़ी पे किसका ज़ोर चलता है
किसी को गुल, किसी को तूने अंगारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

यही आग़ाज़ था मेरा, यही अंजाम होना था
मुझे बरबाद होना था, मुझे नाकाम होना था
मेरी तक़दीर ने मुझको, तक़दीर का मारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

Tuesday, 6 February 2018

Itna Toota Hoon Chhune Se Bikhar Jaunga lyrics in Hindi

                      इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊंगा

इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा -2
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा -2 

पूछकर मेरा पता वक्त रायदा न करो -2
मैं तो बंजारा हूँ क्या जाने किधर जाऊँगा -2
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा

हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई -2
कौन पहचानेगा बस्ती में अगर जाऊँगा -2
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा

ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का -2 
तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँगा -2
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा

फूल रह जायेंगे गुलदानों में यादों की 'नज़र' -2
मै तो खुशबु हूँ फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा -2
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा 
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा 
बिखर जाऊँगा.... बिखर जाऊँगा ....

                                                                   ~ मोईन नज़र

Monday, 5 February 2018

Tu Kahi Bhi Rahe lyrics in Hindi

                           तू कही भी रहे


तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है -2
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

मुझको तू अपना बना या ना बना तेरी ख़ुशी -3
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है 
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

मेरे हिस्से में कोई ज़ाम ना आया ना सही -3
तेरी महफ़िल में मेरे नाम कोई शाम तो है 
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

देख कर लोग मुझे नाम तेरा लेते हैं -3
इसपे मैं खुश हूँ मोहब्बत का ये अंजाम तो है 
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

वो सितमगर ही सही देख के उसको 'साबिर' -3
शुक्र है इस दिल-ए-बीमार को आराम तो है 
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है-2
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

                                                                            ~ साबिर जलालाबादी 

Tuesday, 23 January 2018

Mehfil Me Baar Baar lyrics in Hindi

                            महफ़िल में बार बार 

एल्बम - नग़मा-ए-दिल (1991)

शायर - आगा बिस्मिल

स्वर - ग़ुलाम अली खान 

महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनकी नज़र में कोई तो जादू जरूर है 
जिस पर पड़ी उसी के जिगर तक उतर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उस बेवफा की आँख से आंसू छलक पड़े 
हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गयी
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनके जमाल-ए-रूख पे उन्ही का जमाल था 
वो चल दिए तो रौनक-ए-शामों सहर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनको खबर करो की है बिस्मिल करीब-ए-मर्ग 
वो आएंगे जरूर जो उन तक खबर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

Saturday, 11 November 2017

Lyrics of Ham Tere Sheher Me Aayen Hain Musafir Ki Taraah

                     हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह


हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

मेरी मंजिल है कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ-2
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

अपनी आँखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने-2
अपनी पलकों पे सजा रखे हैं आंसू मैंने
मेरी आँखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

आज की रात मेरा दर्द-ए-मुहब्बत सुन ले-2
कँपकँपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इज़हार-ए-ख़यालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

भूलना था तो इक़रार किया ही क्यों था-2
बेवफा तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था
सिर्फ दो - चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-3