Friday, 1 May 2020

Kitna Hasin Chehra lyrics in Hindi - कितना हसीन चेहरा

फिल्म - दिलवाले (1994)

गीतकार - समीर 

संगीतकार - नदीम-श्रवण

स्वर - कुमार सानू

 

कितना हसीं चेहरा कितनी प्यारी आँखें - 2 
कितनी प्यारी आँखें है आँखों से छलकता प्यार 
कुदरत ने बनाया होगा फुरसत से तुझे मेरे यार 
कितना हसीं चेहरा कितनी प्यारी आँखें - 2 
कितनी प्यारी आँखें है आँखों से छलकता प्यार 
कुदरत ने बनाया होगा फुरसत से तुझे मेरे यार - 2 

तेरी नज़र झुके तो शाम ढले जो उठे नज़र तो सुबह चले - 2 
तू हँसे तो कलियाँ खिल जाए तुझे देख के हूर भी शरमाए 
तेरी बिखरी बिखरी जुल्फें तेरी महकी महकी साँसे 
तेरी कोयल जैसी बोली तेरी मीठी मीठी बातें 
जी चाहे मेरा मैं यूँ ही तेरा करता रहूँ दीदार 
कुदरत ने बनाया होगा फुरसत से तुझे मेरे यार 
कितना हसीं चेहरा कितनी प्यारी आँखें

दुनिया में हसीं और भी हैं होगा ना कोई तेरे जैसा हसीं - 2
रंगीन जवां मदहोश बदन तू हुस्न-ओ-शबाब का है गुलशन
तेरे अंग से खुशबू बरसे परियों सी सुन्दर काया
जो खुद सोचा था मैंने वो सब कुछ तुझमे पाया 
तेरी एक अदा पे मैं सद के जाऊं सौ बार
कुदरत ने बनाया होगा फुरसत से तुझे मेरे यार - 2 









Teri Mitti Me Mil Jaawaan lyrics in Hindi - तेरी मिट्टी में मिल जावाँ

फिल्म - केसरी (2019)

गीतकार - मनोज मुंतशिर

संगीतकार -  आरको 

स्वर - बी. प्राक

 

तलवारों पे सर वार दिए अंगारों में जिस्म जलाया है 
तब जा के कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया है 
ऐ मेरी जमीं अफ़सोस नहीं जो तेरे लिए सौ दर्द सहे 
महफूज रहे तेरी आन सदा चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे 
ऐ मेरी जमीं महबूब मेरी मेरी नस नस में तेरा इश्क़ बहे 
फीका न पड़े कभी रंग तेरा जिस्मों से निकल के खून कहे 
तेरी मिटटी में मिल जावां गुल बन के मैं खिल जावां 
इतनी सी है दिल की आरजू 
तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतो में लहरावां 
इतनी सी है दिल की आरजू 

सरसो से भरे खलिहान मेरे जहाँ झूम के भंगड़ा पा न सका 
आबाद रहे वो गांव मेरा जहाँ लौट के वापस जा न सका 
ओ वतना वे मेरे रतना वे तेरा मेरा प्यार निराला था 
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे मैं कितना नसीबों वाला था 
तेरी मिटटी में मिल जावां गुल बन के मैं खिल जावां 
इतनी सी है दिल की आरजू 
तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतो में लहरावां 
इतनी सी है दिल की आरजू

ओ हीर मेरी तू हंसती रहे तेरी आँख घडी भर नम ना हो 
मैं मरता था जिस मुखड़े पे कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी क्या फिक्र तुझे क्यूँ आँख से दरिया बहता है 
तू कहती थी तेरा चाँद हूं मैं और चाँद हमेशा रहता है 
तेरी मिटटी में मिल जावां गुल बन के मैं खिल जावां 
इतनी सी है दिल की आरजू 
तेरी नदियों में बह जावां तेरी फसलों में लहरावां 
इतनी सी है दिल की आरजू