रहा गर्दिशों में हरदम.......
फिल्म - दो बदन (1966)
गीतकार - शकील बदायूंनी
संगीतकार - रवि
स्वर - मोहम्मद रफ़ी
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा - 2
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
कोई दिल के खेल देखे , के मोहब्बतों की बाज़ी - 2
वो कदम कदम पे जीते , मैं कदम कदम पे हारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
ये हमारी बदनसीबी , जो नहीं तो और क्या है -3
के उसी के हो गए हम , जो ना हो सका हमारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
पड़े जब ग़मों से पाले , रहे मिट के मिटने वाले - 2
जिसे मौत ने ना पूछा , उसे ज़िंदगी ने मारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
फिल्म - दो बदन (1966)
गीतकार - शकील बदायूंनी
संगीतकार - रवि
स्वर - मोहम्मद रफ़ी
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा - 2
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
कोई दिल के खेल देखे , के मोहब्बतों की बाज़ी - 2
वो कदम कदम पे जीते , मैं कदम कदम पे हारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
ये हमारी बदनसीबी , जो नहीं तो और क्या है -3
के उसी के हो गए हम , जो ना हो सका हमारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
पड़े जब ग़मों से पाले , रहे मिट के मिटने वाले - 2
जिसे मौत ने ना पूछा , उसे ज़िंदगी ने मारा
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा
रहा गर्दिशों में हरदम.....
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