बोल ना हल्के - हल्के
फिल्म - झूम बराबर झूम (2007)
गीतकार - गुलज़ार
संगीतकार - शंकर-एहसान-लॉय
स्वर - रहत फ़तेह अली खान, महालक्ष्मी अय्यर
धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के
घूंघट ही बना लो रौशनी से नूर के
शर्म आ गयी तो आगोश में लो
साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तले
कितने दिनों से ये आसमां भी सोया नहीं है, इसको सुला दे
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
घूंघट ही बना लो रौशनी से नूर के
शर्म आ गयी तो आगोश में लो
साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तले
कितने दिनों से ये आसमां भी सोया नहीं है, इसको सुला दे
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
उमरें लगी कहते हुए, दो लफ्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुपचाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुपचाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना हल्के-हल्के, बोल ना हल्के-हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
होंठ से हल्के-हल्के, बोल ना हल्के
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