फ़िल्म - राजा और रंक (1968)
गीतकार - आनंद बख़्शी
संगीतकार - लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
स्वर - मो. रफ़ी
ओ फिरकी वाली, तू कल फिर आना
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
मतवाली, ये दिल क्यों तोड़ा
ये तीर काहे छोड़ा, नजर की कमान से
के मर जाऊँगा मैं बस मुस्कान से
पहले भी तूने इक रोज़ ये कहा था - 2
आऊँगी, तू ना आई
वादा किया था सैंया बन के बदरिया
छाऊँगी, तू ना छाई
मेरे प्यासे - 2, नैना तरसे
तू निकली ना घर से
कैसे बीती, वो रात सुहानी
तू सुन ले कहानी, ये सारे जहान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
मतवाली, ये दिल क्यों तोड़ा
ये तीर काहे छोड़ा, नजर की कमान से
के मर जाऊँगा मैं बस मुस्कान से
पहले भी तूने इक रोज़ ये कहा था - 2
आऊँगी, तू ना आई
वादा किया था सैंया बन के बदरिया
छाऊँगी, तू ना छाई
मेरे प्यासे - 2, नैना तरसे
तू निकली ना घर से
कैसे बीती, वो रात सुहानी
तू सुन ले कहानी, ये सारे जहान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
ओ फिरकी वाली, तू कल फिर आना
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
सोचा था मैंने किसी रोज़ गोरी हँस के - 2
बोलेगी, तू ना बोली
मेरी मोहब्बत भरी बातें सुन-सुन के
डोलेगी, तू ना डोली
ओ सपनों में - 2 आने वाली
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
सोचा था मैंने किसी रोज़ गोरी हँस के - 2
बोलेगी, तू ना बोली
मेरी मोहब्बत भरी बातें सुन-सुन के
डोलेगी, तू ना डोली
ओ सपनों में - 2 आने वाली
रुक जा जाने वाली
किया तूने, मेरा दिल चोरी
ये पूछ ले गोरी, ज़मीं आसमान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
किया तूने, मेरा दिल चोरी
ये पूछ ले गोरी, ज़मीं आसमान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
ओ फिरकी वाली, तू कल फिर आना
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
नहीं फिर जाना, तू अपनी जुबान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
के तेरे नैना हैं ज़रा बेईमान से
No comments:
Post a Comment