फिल्म - जीत (1996)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम-श्रवण
स्वर - कुमार सानू, अलका याज्ञनिक
तू धरती पे चाहे जहां भी रहेगी 
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगा
तू धरती पे चाहे जहां भी रहेगी 
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगा
अगर बंद हो जाएंगी मेरी आंखें -2
तुझे तेरी धड़कन से पहचान लूंगा
हमको तुमसे प्यार हुआ है
जीना दुश्वार हुआ है 
तू धरती पे चाहे जहां भी रहेगा 
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगी
अगर बंद हो जाएंगी मेरी आंखें -2
तुझे तेरी धड़कन से पहचान लूंगी
हमको तुमसे प्यार हुआ है
जीना दुश्वार हुआ है 
बड़ा सुकून है मैं दिल से तुम पे मरती हूं
मैं अब किसी से नहीं बस खुदी से डरती हूं 
बड़ा सुकून है मैं दिल से तुम पे मरती हूं
मैं अब किसी से नहीं बस खुदी से डरती हूं 
किया जो प्यार तो फिर दूर से मचलना क्या
तड़प के शामों सहर करवटें बदलना क्या
मेरे जानू मेरे जानम जानेमन जानेजाना
जो गुजरेगी तू मेरी रहगुजर से - 2
तुझे तेरी आहट से पहचान लूंगा 
हमको तुमसे प्यार हुआ है
जीना दुश्वार हुआ है
आ बैठ पास तेरी रूह में उतर जाऊं
नज़र के पास रखूं हद से मैं गुजर जाऊं
आ बैठ पास तेरी रूह में उतर जाऊं
नज़र के पास रखूं हद से मैं गुजर जाऊं
नज़र का तीर हटा यूं जिगर के पार न कर
मैं बेकरार बहुत और बेकरार न कर 
मेरे जानू मेरे जानम जानेमन जानेजाना
कभी छुप के लेगा जो आगोश में तो - 2
तुझे तेरी चाहत से पहचान लूंगी 
हमको तुमसे प्यार हुआ है
जीना दुश्वार हुआ है
तू धरती पे चाहे जहां भी रहेगा 
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगा 
अगर बंद हो जाएंगी मेरी आंखें -2
तुझे तेरी धड़कन से पहचान लूंगी
हमको तुमसे प्यार हुआ है
जीना दुश्वार हुआ है
No comments:
Post a Comment