Sunday, 24 February 2019

Mere Sapno Ki Raani Kab Aayegi Tu lyrics in Hindi

                       मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू 

फिल्म -आराधना (1969)

गीतकार - आनंद बख्शी 

संगीतकार - सचिन बर्मन 

स्वर - किशोर कुमार 


मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू
चली आ, तू चली आ
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू
चली आ, आ तू चली आ

प्यार की गलियाँ, बागों की कलियाँ
सब रंगरलियाँ पूछ रही हैं
गीत पनघट पे किस दिन गाएगी तू
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू 
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू
चली आ, तू चली आ


फूल सी खिलके, पास आ दिल के
दूर से मिलके चैन न आये
और कब तक मुझे तड़पाएगी तू
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू
चली आ, तू चली आ

क्या है भरोसा आशिक दिल का
और किसी पे ये आ जाए
आ गया तो बहुत पछताएगी तू
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू
चली आ, आ तू चली आ 
चली आ, तू चली आ 
चली आ, आ तू चली आ

Aane Se Uske Aaye Bahar lyrics in Hindi

                          आने से उसके आए बहार 

फिल्म - जीने की राह (1969)

गीतकार - आनंद बख़्शी 

संगीतकार - लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल 

स्वर - मो. रफ़ी 

आने से उसके आए बहार, जाने से उसके जाए बहार
बडी मस्तानी है मेरी महबूबा, मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा
आने से उसके आए बहार, जाने से उसके जाए बहार
बडी मस्तानी है मेरी महबूबा, मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा
 
गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुँघरू कहीं पे
आके पर्वतों से जैसे गिरता हो झरना ज़मीं पे
झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है मेरी
महबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा

बन संवर के निकले, आए सावन का जब जब महीना
हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है मेरी
महबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा

इस घटा को मैं तो, उसकी आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो, उसका लहराता आंचल कहूँगा
कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है मेरी महबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा
 
बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें
हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोड़ा दीवाना, थोड़ी सी दीवानी है मेरी महबूबा 

मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा
 
सामने मैं सबके नाम उसका नही ले सकूंगा
वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करुंगा

हूरों की मल्लिका है, परियों की रानी है मेरी महबूबा  
मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा
बडी मस्तानी है मेरी महबूबा

Raat Kali Ek Khwab Mein Aayi lyrics in Hindi

                       रात कली एक ख्वाब में आई

फिल्म - बुढ्ढा मिल गया (1971)

गीतकार - मज़रूह सुल्तानपुरी

संगीतकार - राहुल देव बर्मन

स्वर - किशोर कुमार

रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई - 2
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं, हो सके तुम्हीं बता दो
तुमने कदम तो रखा जमीं पर, सीने में क्यों झनकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जबसे ये मुखड़ा दिल में खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

यूँ तो हसीनों के माहाजबीनों के, होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूं, ऐसी तमन्ना एक नहीं कई बार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

Saturday, 23 February 2019

Aaj Tujhse Jo Kehna Hai Kehne De lyrics in Hindi

                      आज तुझसे जो कहना है कहने दे 

फिल्म - हंगामा (2003)

गीतकार - समीर 

संगीतकार - नदीम-श्रवण 

स्वर - अलका याग्निक , उदित नारायण 


आज तुझसे जो कहना है कहने दे - 2 
तेरा दिल मेरे पास रहने दे - 2 
आज तुझसे जो कहना है कहने दे - 2 
मेरा दिल मेरे पास रहने दे - 2

मेरी आँखें तेरा चेहरा, चेहरे पे दिल ठहरा
मेरी धड़कन पे हर दम तेरी यादों का पहरा
बेताबी तड़पाये दिल मेरा घबराए
तेरी बातों का जादू मुझपे न चल जाए
ये दर्द-ए-मोहब्बत सहने दे - 2
तेरा दिल मेरे पास रहने दे - 2 
आज तुझसे जो कहना है कहने दे - 2 
मेरा दिल मेरे पास रहने दे - 2

तेरे होठों से खेलूं, तेरी जुल्फें सुलझाऊं
तुझे बाहों में लेके, तेरा तन मन महकाऊं
मस्ताना आलम है, मौसम है सिन्दूरी
डर लगता है मुझको रहने दे कुछ दूरी
मुझे रग-रग में तेरी बहने दे - 2
तेरा दिल मेरे पास रहने दे - 2 
आज तुझसे जो कहना है कहने दे - 2 
मेरा दिल तेरे पास रहने दे - 2

Jo Padhte Rahe Hum Kitab-e-Mohabbat Lyrics in Hindi

                 जो पढ़ते रहे हम किताब-ए-मोहब्बत


जो पढ़ते रहे हम क़िताब-ए-मोहब्बत 
नहीं पा सके हम जवाब-ए-मोहब्बत 

चले आओ रंज़िश को दिल में छुपा कर
अभी भूल जाओ हिसाब-ए-मोहब्बत

मेरी बात मानो जरा तुम भी पी लो 
है अमृत सा पानी शराब-ए-मोहब्बत

मिलो इस तरह जैसे गंगा में जमुना  
कहीं दूर रख दो हिज़ाब-ए-मोहब्बत

ना घबराओ ग़ुमनाम दिल अपना खोलो 
चुका दो सभी के हिसाब-ए-मोहब्बत

Thursday, 21 February 2019

Khamosh Lab Hain Jhuki Hain Palken lyrics in Hindi

                 खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें


ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में अभी मोहब्बत नई-नई है 
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

अभी न आएगी नींद तुमको अभी न हमको सुकूं मिलेगा 
अभी तो धड़केगा दिल ज्यादा अभी ये चाहत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

बहार का आज पहला दिन है चलो चमन में टहल के आएं 
फ़ज़ां में खुशबू नयी नयी है गुलों पे रंगत रंगत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ा रखते हैं नरम अपना 
तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आके बैठे हैं पहली सफ़ में 
अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई-नई है 
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

बमों की बरसात हो रही है पुराने जांबाज़ सो रहे हैं 
गुलाम दुनिया को कर रहा वो जिसकी ताकत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
 


                                                                                 ~ शबीना अदीब 

Ye Tay Hua Tha Lyrics in Hindi

                            ये तय हुआ था 

हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था
मिले कि बिछड़े मगर तुम्हीं से वफ़ा करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था

कहीं रहो तुम कहीं रहें हम मगर मोहब्बत रहेगी कायम
जो ये खता है तो उम्र भर ये खता करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था

उदासियाँ हर घडी हो लेकिन हयात काँटों भरी हो लेकिन
हुतूत फूलों की पत्तियों पर लिखा करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था

जहाँ मुक़द्दर मिलाएगा अब वहां मिलेंगे ये शर्त कैसी
जहाँ मिले थे वहीं हमेशा मिला करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था 

लिपट के रो लेंगे जब मिलेंगे गम अपना अपना बयां करेंगे
मगर ज़माने से मुस्कुरा कर मिला करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था

किसी के आँचल में खो गए तुम बताओ क्यूँ दूर हो गए तुम 
कि जान देकर भी हक़ वफ़ा का अदा करेंगे ये तय हुआ था
हमेशा एक दूसरे के हक़ में दुआ करेंगे ये तय हुआ था 


                                                                           ~ शबीना अदीब