फ़िल्म - मुक़द्दर का सिकंदर (1979)
गीतकार - अंजान
संगीतकार - कल्याणजी-आनंदजी
स्वर - लता मंगेशकर
दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार, क्या कीजै - 2
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार, क्या कीजै
यादों में तेरी खोई, रातों को मैं ना सोई
हालत ये मेरे मन की, जाने ना जाने कोई
बरसों हैं तरसी आँखें, जागी हैं प्यासी रातें
आई है आते-आते, होठों पे दिल की बातें
प्यार में तेरे, दिल का मेरे, कुछ भी हो अंजाम
बेक़रारी में है क़रार, क्या कीजै
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
छाए हैं मन में मेरे, मदहोश नैना तेरे
घेरे हैं तन को मेरे, तेरी बाहों के घेरे
दूरी सही न जाए, चैन कहीं ना आए
चलना है अब तो तेरी, पलकों के साए-साए
बस ना चले रे, शाम सवेरे ले के तेरा नाम
दिल धड़कता है बार-बार, क्या कीजै
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार, क्या कीजै
यादों में तेरी खोई, रातों को मैं ना सोई
हालत ये मेरे मन की, जाने ना जाने कोई
बरसों हैं तरसी आँखें, जागी हैं प्यासी रातें
आई है आते-आते, होठों पे दिल की बातें
प्यार में तेरे, दिल का मेरे, कुछ भी हो अंजाम
बेक़रारी में है क़रार, क्या कीजै
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
छाए हैं मन में मेरे, मदहोश नैना तेरे
घेरे हैं तन को मेरे, तेरी बाहों के घेरे
दूरी सही न जाए, चैन कहीं ना आए
चलना है अब तो तेरी, पलकों के साए-साए
बस ना चले रे, शाम सवेरे ले के तेरा नाम
दिल धड़कता है बार-बार, क्या कीजै
आ गया जो, किसी पे प्यार, क्या कीजै - 2
दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार, क्या कीजै
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