फ़िल्म - राजा भैया (2003)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम-श्रवण
स्वर - उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति
तू जो हंस हंस के सनम मुझसे बात करती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
तेरी चाहत जो मेरे साथ साथ चलती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मैंने एक बार नहीं बार बार देखा है
तेरे हाथों में मेरे प्यार की जो रेखा है
मैंने एक बार नहीं बार बार देखा है
तेरे हाथों में मेरे प्यार की जो रेखा है
तेरी खुशबू मेरी साँसों में जो महकती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मेरे हमदर्द तू समझा दे दिल दीवाने को
हर भली चीज़ बुरी लगती है ज़माने को
मेरे हमदर्द तू समझा दे दिल दीवाने को
हर भली चीज़ बुरी लगती है ज़माने को
मेरी रग रग में वफ़ा बनके लहू बहती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मैं तेरे ख्वाब सजाता हूँ अपनी आँखों में
नाम आ जाता है तेरा मेरी हर बातों में
मैं तेरे ख्वाब सजाता हूँ अपनी आँखों में
नाम आ जाता है तेरा मेरी हर बातों में
तेरी तारीफ़ मेरे लब से जो निकलती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
तू जो हंस हंस के सनम मुझसे बात करती है
तेरी चाहत जो मेरे साथ साथ चलती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
तेरी चाहत जो मेरे साथ साथ चलती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मैंने एक बार नहीं बार बार देखा है
तेरे हाथों में मेरे प्यार की जो रेखा है
मैंने एक बार नहीं बार बार देखा है
तेरे हाथों में मेरे प्यार की जो रेखा है
तेरी खुशबू मेरी साँसों में जो महकती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मेरे हमदर्द तू समझा दे दिल दीवाने को
हर भली चीज़ बुरी लगती है ज़माने को
मेरे हमदर्द तू समझा दे दिल दीवाने को
हर भली चीज़ बुरी लगती है ज़माने को
मेरी रग रग में वफ़ा बनके लहू बहती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
मैं तेरे ख्वाब सजाता हूँ अपनी आँखों में
नाम आ जाता है तेरा मेरी हर बातों में
मैं तेरे ख्वाब सजाता हूँ अपनी आँखों में
नाम आ जाता है तेरा मेरी हर बातों में
तेरी तारीफ़ मेरे लब से जो निकलती है - 2
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2
तू जो हंस हंस के सनम मुझसे बात करती है
तेरी चाहत जो मेरे साथ साथ चलती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है - 2