Tuesday, 23 January 2018

Mehfil Me Baar Baar lyrics in Hindi

                            महफ़िल में बार बार 

एल्बम - नग़मा-ए-दिल (1991)

शायर - आगा बिस्मिल

स्वर - ग़ुलाम अली खान 

महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनकी नज़र में कोई तो जादू जरूर है 
जिस पर पड़ी उसी के जिगर तक उतर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उस बेवफा की आँख से आंसू छलक पड़े 
हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गयी
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनके जमाल-ए-रूख पे उन्ही का जमाल था 
वो चल दिए तो रौनक-ए-शामों सहर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनको खबर करो की है बिस्मिल करीब-ए-मर्ग 
वो आएंगे जरूर जो उन तक खबर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

Wednesday, 17 January 2018

Neend Mein Hain lyrics in Hindi

                                नींद में है 

फ़िल्म - एक विवाह ऐसा भी (2008)

गीतकार - रविंद्र जैन 

संगीतकार - रविंद्र जैन 

स्वर - शान 


बला का हुस्न गज़ब का शबाब नींद में है-2 
है जिस्म जैसे गुलिस्तां गुलाब नींद में है-2

उसे जरा सा भी पढ़ लो तो शायरी आ जाए-2
अभी गज़ल की मुकम्मल किताब नींद में है-2

मचल रही है मेरे दिल में दीद की हसरत-2
वो डाले चेहरे पे नीला नकाब नींद में हैं-2

वो इन्कलाब उठाता है लेके अंगडाई-2
सवाल जागा हुआ है जवाब नींद में है-2

Saturday, 30 December 2017

Dil Ke Arman Ansuon Mein Bah Gaye lyrics in Hindi

                        दिल के अरमां आँसुओं में बह गए

फिल्म - निक़ाह(1982)

गीतकार - हसन कमल 

संगीतकार - रवि 

स्वर - सलमा आगा

 

दिल के अरमां आँसुओं में बह गए

दिल के अरमां आँसुओं में बह गये-2 
हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए
दिल के अरमां आँसुओं में बह गए

ज़िंदगी एक प्यास बनकर रह गई-2 
प्यार के किस्से अधूरे रह गए
प्यार के किस्से अधूरे रह गए 
हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए
दिल के अरमां आँसुओं में बह गए

शायद उनका आखरी हो ये सितम -2
हर सितम ये सोचकर हम सह गए
हर सितम ये सोचकर हम सह गए
हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए
दिल के अरमां आँसुओं में बह गए
  
खुद को भी हमने मिटा डाला मगर -2
फ़ासले जो दरमियाँ थे रह गये
फ़ासले जो दरमियाँ थे रह गए
हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए
दिल के अरमां आँसुओं में बह गये
दिल के अरमां आँसुओं में बह गये

 

Saturday, 18 November 2017

Jane Kyun Log Muhabbat Kiya Karte Hain lyrics in Hindi

                       जाने क्यूँ लोग मोहब्बत करते हैं 

फिल्म - मेहबूब की मेहंदी (1971)

गीतकार - आनंद बख़्शी 

संगीतकार - लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल 

स्वर - लता मंगेशकर



इस ज़माने में, इस मोहब्बत ने
कितने दिल तोड़े, कितने घर फूँके
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते है-2
दिल के बदले दर्द-ए-दिल लिया करते हैं
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

तन्हाई मिलती है, महफ़िल नहीं मिलती
राह-ए-मोहब्बत में कभी मंज़िल नही मिलती
दिल टूट जाता है, नाकाम होता है
उल्फ़त में लोगों का यही अंजाम होता है
कोई क्या जाने, क्यों ये परवाने
यूं मचलते है, ग़म में जलतेहैं 
आहें भर-भर के दीवाने जिया करते हैं-2 
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

सावन मे आँखो को, कितना रूलाती है
फ़ुर्क़त में जब दिल को किसी की याद आती है
ये ज़िन्दगी यूं ही बर्बाद होती है
हर वक़्त होठों पे कोई फ़रियाद होती है
ना दवाओं का नाम चलता है
ना दुआओं से काम चलता है
ज़हर ये फिर भी सभी क्यों पिया करते हैं-2
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

महबूब से हर ग़म मनसूब होता है
दिन - रात उल्फ़त में तमाशा खूब होता है
रातों से भी लंबे ये प्यार के किस्से
आशिक़ सुनाते हैं जफ़ा-ए-यार के किस्से
बेमुरव्वत है, बेवफा है वो
उस सितमगर का, अपने दिलबर का
नाम ले लेके दुहाई दिया करते हैं-2
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं 

Thursday, 16 November 2017

Lo Aa Gayi Unki Yaad lyrics in Hindi

                    लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आये

फिल्म - दो बदन (1966)

गीतकार - शकील बदायूनीं 

संगीतकार - रवि 

स्वर - लता मंगेशकर 


लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये -2 

दिल उनको ढूँढता है, ग़म का सिंगार कर के
आँखें भी थक गयी हैं, अब इंतज़ार कर के-2
इक आस रह गयी है, वो भी न टूट जाये
लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये

रोती हैं आज हम पर,तन्हाईयाँ हमारी-2
वो भी न पाएं शायद, परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं, मायूसियों के साये
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आये

लौ थरथरा रही है, अब शम्म-ए-ज़िन्दगी  की
उजड़ी हुई मुहब्बत, मेहमां है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे, जी कर तो मिल न पाये
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आये
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आये

Wednesday, 15 November 2017

Gairon Pe Karam Apno Pe Sitam lyrics in Hindi

                      गैरों पे करम अपनों पे सितम

फिल्म - आँखें (1968)

गीतकार - साहिर लुधियानवी

संगीतकार - रवि

स्वर - लता मंगेशकर


गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम

हम चाहने वाले हैं तेरे, यूं हमको जलाना ठीक नहीं
महफ़िल में तमाशा बन जाएँ, इस दर्जा सताना ठीक नहीं
इस दर्जा सताना ठीक नहीं
मर जायेंगे हम, मिट जायेंगे हम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
ये ज़ुल्म न कर

गैरों के थिरकते शानें पर, ये हाथ गंवारा कैसे करें-2
हर बात गंवारा है लेकिन, ये बात गंवारा कैसे करें
ये बात गंवारा कैसे करें
तुझको तेरी बेदर्दी की कसम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
ये ज़ुल्म न कर

हम भी थे तेरे मंज़ूर-ए-नज़र, जी चाहे तो अब इकरार ना कर
सौ तीर चला सीने पे मगर, बेगानों से मिलकर वार न कर
बेगानों से मिलकर वार न कर
बेमौत कहीं मर जाएं न हम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर 
ये ज़ुल्म न कर
रहने दे अभी थोड़ा सा भरम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
ये ज़ुल्म न कर

 




Tuesday, 14 November 2017

Ye Dil Tum Bin Kahin Lagta Nahi lyrics in Hindi

                          ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं

फिल्म - इज़्ज़त (1968 )

गीतकार - साहिर लुधियानवी

संगीतकार - लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल

स्वर - मो. रफ़ी , लता मंगेशकर 

ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें -2 
तसव्वुर मे कोइ बसता नही, हम क्या करें 
तुम्हीं कह दो अब ऐ जान-ए-वफ़ा, हम क्या  करें

लुटे दिल मे दिया जलता नही, हम क्या करें
तुम्हीं कह दो अब ऐ जान-ए-अदा, हम क्या करें
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें 

किसी के दिल मे बस के दिल को तड़पाना नहीं अच्छा
निगाहो को झलक दे दे के छुप जाना नहीं अच्छा
उम्मीदो के खिले गुलशन को झुलसाना नहीं अच्छा
हमे तुम बिन कोइ जँचता नही, हम क्या करें 
तुम्हीं कह दो अब ऐ जान-ए-वफ़ा, हम क्या  करें
लुटे दिल मे दिया जलता नही, हम क्या करें

मोहब्बत कर तो लें लेकिन मोहब्बत रास आये भी -2
दिलो को बोझ लगते है कभी जुल्फों के साए भी
हज़ारों गम है इस दुनिया मे अपने भी पराये भी
मोहब्बत ही का गम तन्हा नहीं, हम क्या करें 
तुम्हीं कह दो अब ऐ जान-ए-अदा, हम क्या करें
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें
बुझा दो आग दिल की या इसे खुलकर हवा दे दो -2
जो इस का मोल दे पाए, उसे अपनी वफ़ा दे दो
तुम्हारे दिल मे क्या है बस हमें इतना पता दे दो
कि अब तन्हा सफ़र कटता नही, हम क्या करें
लुटे दिल मे दिया जलता नही, हम क्या करें
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें