फिल्म - सरस्वतीचंद्र (1968)
गीतकार - इंदीवर
संगीतकार - कल्याणजी-आनंदजी
स्वर - लता मंगेशकर, मुकेश
फूल तुम्हें भेजा है खत में फूल नहीं मेरा दिल है - 2 
प्रियतम मेरे मुझको लिखना क्या ये तुम्हारे काबिल है 
प्यार छुपा है खत  में इतना जितने सागर में मोती 
चूम ही लेता हाथ तुम्हारा पास जो तुम मेरे होती 
फूल तुम्हे भेजा है ख़त में 
नींद तुम्हे तो आती होगी क्या देखा तुमने सपना - 2 
आँख खुली  तो तन्हाई थी सपना हो न सका अपना 
तन्हाई हम दूर करेंगे ले आओ तुम शहनाई 
ले आओ तुम शहनाई 
प्रीत बढ़ा कर भूल ना जाना प्रीत तुम्ही ने सिखलाई 
फूल तुम्हें भेजा है खत में फूल नहीं मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है खत में 
ख़त से जी भरता ही नहीं अब नैन मिले तो चैन मिले -2 
चाँद हमारे अंगना उतरे कोई तो ऐसी रैन  मिले 
मिलना हो तो कैसे मिलें हम मिलने की सूरत लिख दो 
मिलने की सूरत लिख दो
नैन बिछाए बैठे हैं हम कब आओगे ख़त लिख दो 
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में फूल नहीं मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में