Saturday, 21 October 2017

Lyrics of Mera Dil Bhi Kitna Pagal Hai

                                    मेरा दिल भी कितना पागल है

फिल्म - साजन (1991)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम - श्रवण
स्वर - कुमार शानू , अलका याग्निक


मेरा दिल भी कितना पागल है , ये प्यार तो तुम से करता है - 2
पर सामने जब तुम आते हो - 2 ,कुछ भी कहने से डरता है 
ओ मेरे साजन, ओ मेरे साजन , साजन साजन , मेरे साजन
मेरा दिल भी कितना पागल है , ये प्यार तो तुम से करता है - 2

कितना इसको समझाता हूँ कितना इसको बहलाता हूँ - 2
नादाँ है कुछ न समझता है दिन रात ये आहें भरता है
मेरा दिल भी कितना पागल है , ये प्यार तो तुम से करता है - 2
पर सामने जब तुम आते हो - 2 ,कुछ भी कहने से डरता है
मेरे साजन, ओ मेरे साजन , साजन साजन , मेरे साजन
मेरा दिल भी कितना पागल है , ये प्यार तो तुम से करता है - 2

हर पल मुझको तड़पाता है मुझे सारी रात जगाता है - 2
इस बात की तुमको खबर नहीं ये सिर्फ तुम्ही पे मरता है
मेरा दिल भी कितना पागल है , ये प्यार तो तुम से करता है - 2
पर सामने जब तुम आते हो - 2 ,कुछ भी कहने से डरता है 
ओ मेरे साजन, ओ मेरे साजन , साजन साजन , मेरे साजन
साजन साजन , साजन साजन , साजन साजन साजन ,साजन साजन





Monday, 16 January 2017

Lyrics of Mere rashq-e-kamar

                                                    मेरे रश्क-ए-कमर 

मेरे रश्क-ए-क़मर तू ने पहली नज़र ,जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया ,
बर्क़ सी गिर गई काम ही कर गई ,आग ऐसी लगाई मज़ा आ गया।

जाम में घोल कर हुस्न की मस्तियाँ ,चांदनी मुस्कुराई मज़ा आ गया ,
चाँद के साए में ऐ मेरे साकिया ,तू ने ऐसी पिलाई मज़ा आ गया।

नशा शीशे में अंगराई लेने लगा ,बज़्म -ए -रिंदां में सागर खनकने लगे ,
मयकदे पे बरसने लगीं मस्तियाँ ,जब घटा घिर के छाई मज़ा आ गया।

बेहिजाबाना वो सामने आ गए ,और जवानी जवानी से टकरा गई ,
आँख उन की लड़ी यूं मेरी आँख से ,देख कर ये लड़ाई मज़ा आ गया।

आँख में थी हया हर मुलाक़ात पर ,सुर्ख आरिज़ हुए वस्ल की बात पर ,
उस ने शरमा के मेरे सवालात पे ,ऐसे गर्दन झुकाई मज़ा आ गया।

शेख़ साहब का ईमान मिट ही गया ,देख कर हुस्न-ए-साक़ी पिघल ही गया ,
आज से पहले ये कितने मगरूर थे ,लुट गई पारसाई मज़ा आ गया।

ऐ फ़ना शुक्र है आज बाद-ए-फ़ना ,उस ने रख ली मेरे प्यार की आबरू ,
अपने हाथों से उस ने मेरी क़ब्र पर ,चादर-ए-गुल चढ़ाई मज़ा आ गया।

                                                                                                 --- फ़ना बुलंद शहरी

Thursday, 3 November 2016

Lyrics of Lag Ja Gale

                                                       लग जा गले.....


फिल्म - वो कौन थी (1964 )

गीतकार - राजा मेहंदी अली खान

संगीतकार - मदन मोहन

स्वर - लता मंगेशकर


लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो न हो
शायद फ़िर  इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो न हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....

हमको मिली हैं आज ये घड़ियां नसीब से - 2
जी भर के देख लीजिये हमको करीब से
फ़िर आपके नसीब में ये बात हो न  हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....

पास आइए के हम नहीं आएंगे बार बार - 2
बांहें गले में डाल के  हम रो लें ज़ार ज़ार
आँखों से फ़िर ये प्यार की बरसात हो न हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो ना  हो
शायद फ़िर  इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....


Lyrics of Raha Gardishon Me Hardam

                                                          रहा गर्दिशों में हरदम.......


फिल्म - दो बदन (1966)

गीतकार - शकील बदायूंनी 

संगीतकार - रवि 

स्वर - मोहम्मद रफ़ी 



रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा - 2
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

कोई दिल के खेल देखे , के मोहब्बतों की बाज़ी - 2 
वो कदम कदम पे जीते , मैं कदम कदम पे हारा 
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

ये हमारी बदनसीबी , जो नहीं तो और क्या है -3 
के उसी के हो गए हम , जो ना हो सका हमारा  
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

पड़े जब ग़मों से पाले , रहे मिट के मिटने वाले - 2 
जिसे मौत ने ना पूछा , उसे ज़िंदगी ने मारा 
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 

कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....