हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
मेरी मंजिल है कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ-2
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
अपनी आँखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने-2
अपनी पलकों पे सजा रखे हैं आंसू मैंने
मेरी आँखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
आज की रात मेरा दर्द-ए-मुहब्बत सुन ले-2
कँपकँपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इज़हार-ए-ख़यालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
भूलना था तो इक़रार किया ही क्यों था-2
बेवफा तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था
सिर्फ दो - चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-3
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