Saturday, 11 November 2017

Lyrics of Ham Tere Sheher Me Aayen Hain Musafir Ki Taraah

                     हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह


हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

मेरी मंजिल है कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ-2
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

अपनी आँखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने-2
अपनी पलकों पे सजा रखे हैं आंसू मैंने
मेरी आँखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

आज की रात मेरा दर्द-ए-मुहब्बत सुन ले-2
कँपकँपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इज़हार-ए-ख़यालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2

भूलना था तो इक़रार किया ही क्यों था-2
बेवफा तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था
सिर्फ दो - चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-2
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-3 



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