मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
फिल्म - आप आये बहार आयी (1971 )
गीतकार - आनंद बख्शी
संगीतकार - लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल
स्वर - मो. रफ़ी , लता मंगेशकर
दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में
मारा गया ग़रीब इसी ऐतबर में
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता -2
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
न था मंज़ूर क़िस्मत को, न थी मर्ज़ी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में-2 कमी थी क्या नज़ारों की
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मारा गया ग़रीब इसी ऐतबर में
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता -2
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
न था मंज़ूर क़िस्मत को, न थी मर्ज़ी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में-2 कमी थी क्या नज़ारों की
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
ख़ुशी से अपनी आँखों को मैं अश्क़ों से भिगो लेता
मेरे बदले तू हँस लेती-2 तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मिली है चाँदनी जिनको ये उनकी अपनी क़िस्मत है
मुझे अपने मुक़द्दर से-2 फ़क़त इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मेरे बदले तू हँस लेती-2 तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मिली है चाँदनी जिनको ये उनकी अपनी क़िस्मत है
मुझे अपने मुक़द्दर से-2 फ़क़त इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
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