तुम अगर साथ देने का वादा करो
फिल्म - हमराज (1967 )
गीतकार - साहिर लुधियानवी
संगीतकार - रवि
स्वर - महेंद्र कपूर
तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ।
तुम मुझे देख कर मुस्कुराती रहो, मैं तुम्हे देख कर गीत गाता रहूँ।
तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ।
कितने जलवे फ़िज़ाओं में बिखरे मगर, मैंने अब तक किसी को पुकारा नहीं
तुमको देखा तो नज़रें ये कहने लगी, हमको चेहरे से हटना गवारा नहीं
तुम अगर मेरी नज़रों के आगे रहो, मैं हरेक शय से नज़रे चुराता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ।
मैंने ख्वाबों में बरसों तराशा जिसे, तुम वही संग-ए-मरमर की तस्वीर हो
तुम ना समझो तुम्हारा मुकद्दर हूँ मैं, मैं समझता हूँ तुम मेरी तकदीर हो
तुम अगर मुझको अपना समझने लगो, मैं बहारों की महफिल सजाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ।
मैं अकेला बहुत देर चलता रहा, अब सफर ज़िंदगानी का कटता नहीं
जब तलक कोई रंगीं सहारा ना हो, वक़्त काफिर जवानी का कटता नहीं
तुम अगर हमकदम बन के चलती रहो, मैं जमीं पर सितारे बिछाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ।
तुम मुझे देख कर मुस्कुराती रहो, मैं तुम्हे देख कर गीत गाता रहूँ।
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