गैरों पे करम अपनों पे सितम
फिल्म - आँखें (1968)
गीतकार - साहिर लुधियानवी
संगीतकार - रवि
स्वर - लता मंगेशकर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
हम चाहने वाले हैं तेरे, यूं हमको जलाना ठीक नहीं
महफ़िल में तमाशा बन जाएँ, इस दर्जा सताना ठीक नहीं
हम चाहने वाले हैं तेरे, यूं हमको जलाना ठीक नहीं
महफ़िल में तमाशा बन जाएँ, इस दर्जा सताना ठीक नहीं
इस दर्जा सताना ठीक नहीं
मर जायेंगे हम, मिट जायेंगे हम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
मर जायेंगे हम, मिट जायेंगे हम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
ये ज़ुल्म न कर
गैरों के थिरकते शानें पर, ये हाथ गंवारा कैसे करें-2
हर बात गंवारा है लेकिन, ये बात गंवारा कैसे करें
ये बात गंवारा कैसे करें
तुझको तेरी बेदर्दी की कसम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
तुझको तेरी बेदर्दी की कसम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
ये ज़ुल्म न कर ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
हम भी थे तेरे मंज़ूर-ए-नज़र, जी चाहे तो अब इकरार ना कर
सौ तीर चला सीने पे मगर, बेगानों से मिलकर वार न कर
बेगानों से मिलकर वार न कर
बेमौत कहीं मर जाएं न हम
बेमौत कहीं मर जाएं न हम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
ये ज़ुल्म न करऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर
रहने दे अभी थोड़ा सा भरम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
ये ज़ुल्म न कर