Thursday 3 November 2016

Lyrics of Lag Ja Gale

                                                       लग जा गले.....


फिल्म - वो कौन थी (1964 )

गीतकार - राजा मेहंदी अली खान

संगीतकार - मदन मोहन

स्वर - लता मंगेशकर


लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो न हो
शायद फ़िर  इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो न हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....

हमको मिली हैं आज ये घड़ियां नसीब से - 2
जी भर के देख लीजिये हमको करीब से
फ़िर आपके नसीब में ये बात हो न  हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....

पास आइए के हम नहीं आएंगे बार बार - 2
बांहें गले में डाल के  हम रो लें ज़ार ज़ार
आँखों से फ़िर ये प्यार की बरसात हो न हो
शायद फ़िर इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले , के फ़िर  ये हसीं रात हो ना  हो
शायद फ़िर  इस जनम में मुलाक़ात  हो न हो
लग जा गले.....


Lyrics of Raha Gardishon Me Hardam

                                                          रहा गर्दिशों में हरदम.......


फिल्म - दो बदन (1966)

गीतकार - शकील बदायूंनी 

संगीतकार - रवि 

स्वर - मोहम्मद रफ़ी 



रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा - 2
कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

कोई दिल के खेल देखे , के मोहब्बतों की बाज़ी - 2 
वो कदम कदम पे जीते , मैं कदम कदम पे हारा 
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

ये हमारी बदनसीबी , जो नहीं तो और क्या है -3 
के उसी के हो गए हम , जो ना हो सका हमारा  
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....

पड़े जब ग़मों से पाले , रहे मिट के मिटने वाले - 2 
जिसे मौत ने ना पूछा , उसे ज़िंदगी ने मारा 
रहा गर्दिशों में हरदम , मेरे इश्क़ का सितारा 

कभी डगमगाई कश्ती , कभी खो गया किनारा 
रहा गर्दिशों में हरदम.....