Friday 10 January 2020

Dekha Ek Khwab To Ye Silsile Hue lyrics in Hindi - देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए

फ़िल्म - सिलसिला 

गीतकार - ज़ावेद अख़्तर 

संगीतकार - शिव-हरि 

स्वर - किशोर कुमार, लता मंगेशकर 

 

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए 
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए 
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए 
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए 
ये गिला है आपकी निगाहों से 
फूल भी हो दरमियाँ तो फासले हुए 
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए 
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए

मेरी साँसों में बसी खुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की है जादूगरी
तेरी आवाज है हवाओं में
प्यार का रंग है फिजाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासले हुए

मेरा दिल है तेरी पनाहों में
आ छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में
तेरी तस्वीर है निगाहों में
दूर तक है रौशनी है राहों में
कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए 
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए 
ये गिला है आपकी निगाहों से 
फूल भी हो दरमियाँ तो फासले हुए 
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए 
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए