फिल्म - संग्राम (1993)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम-श्रवण
स्वर - कुमार सानू, अलका याग्निक, कविता कृष्णमूर्ति
बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
दिल है दीवाना तुमको ही चाहे तुम मेरी चाहत हो
बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
दिल है दीवाना तुमको ही चाहे तुम मेरी चाहत होदिल पे किसी का इख्तियार होता कहाँ है - 2
करने से दुनिया में प्यार होता कहाँ है
इक पल ना देखूं तो चैन आये नहीं
अब तो दूरी सनम सही जाए नहीं
सचमुच तुम मेरी ज़रूरत हो
बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
हो के जुदा नज़रों से यार जी ना सकूंगी - 2
जख्मी दिलों के जख्म हज़ार सी ना सकूंगी
मौत आये अगर हंस के मर जाऊं मैं
दर्द-ए-दिल कहाँ से लाऊँ मैं
किसी की कभी ऐसी ना हालत हो
बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
मैंने किया है तुमसे प्यार करती रहूंगी - 2
सारे जहाँ के आगे मैं खुल के कहूँगी
मैंने वादा किया मैंने ली है कसम
चाहूंगी मैं तुम्हे जब तक है दम में दम
मेरी दुआ तुम मेरी अमानत हो
बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
हाय बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो
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