फिल्म - जीत (1996)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम-श्रवण
स्वर - सोनू निगम, अलका याज्ञनिक
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो - 2
कि कुछ देखने की ज़रूरत नहीं है तुम ही तुम निगाहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि कुछ देखने की ज़रूरत नहीं है तुम ही तुम निगाहों में हो
कितना प्यारा प्यारा है शमां
प्यासे दिल की धड़कन है जवां
जाने कैसा छाया है नशा
यूं ना मुझको छेड़ो दिलरूबा
छोड़ो छोड़ो जाने-जाना तुम ऐसे शर्माना
कि अब सोचने की ज़रूरत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि कुछ देखने की ज़रूरत नहीं है तुम ही तुम निगाहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि कुछ देखने की ज़रूरत नहीं है तुम ही तुम निगाहों में हो
कितना प्यारा प्यारा है शमां
प्यासे दिल की धड़कन है जवां
जाने कैसा छाया है नशा
यूं ना मुझको छेड़ो दिलरूबा
छोड़ो छोड़ो जाने-जाना तुम ऐसे शर्माना
कि अब सोचने की ज़रूरत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि कुछ देखने की ज़रूरत नहीं है तुम ही तुम निगाहों में हो
हाल-ए-दिल मैं तुमसे क्या कहूं
इतनी बेचैनी कैसे सहूं
तुमने ऐसा जादू क्या किया
बेताबी से धड़के है जिया
मेरे पहलू में रहना इक पल भी दूर न जाना
किसी और की दिल को हसरत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
मैं तो हूं दीवाना बेखबर
पल पल तुमको देखे ही नज़र
कहता है ये चाहत का मौसम
इतना भी तो चाहो ना सनम
सिर्फ मुझे चाहत है तेरी मैं सबसे बेगाना
मुझे प्यार करने से फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि तुम मेरी बाँहों में हो -2
हाल-ए-दिल मैं तुमसे क्या कहूं
इतनी बेचैनी कैसे सहूं
तुमने ऐसा जादू क्या किया
बेताबी से धड़के है जिया
मेरे पहलू में रहना इक पल भी दूर न जाना
किसी और की दिल को हसरत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
मैं तो हूं दीवाना बेखबर
पल पल तुमको देखे ही नज़र
कहता है ये चाहत का मौसम
इतना भी तो चाहो ना सनम
सिर्फ मुझे चाहत है तेरी मैं सबसे बेगाना
मुझे प्यार करने से फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाँहों में हो
कि तुम मेरी बाँहों में हो -2