वो हम से ख़फ़ा हैं हम उनसे ख़फ़ा हैं
फिल्म - तुमसा नहीं देखा (2004)
गीतकार - समीर
संगीतकार - नदीम-श्रवण
स्वर - श्रेया घोषाल, उदित नारायण
वो हमसे खफा हैं, हम उनसे खफा हैं - 2
मगर बात करने को जी चाहता है
बड़ी दिलनशीं हैं, ये उनकी अदाएँ
अदाओं पे मरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
मगर बात करने को जी चाहता है
बड़ी दिलनशीं हैं, ये उनकी अदाएँ
अदाओं पे मरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
जो कहना है उनसे कहें भी तो कैसे
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
जो कहना है उनसे कहें भी तो कैसे
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
कसम चाहतों की मोहब्बत में अब तो
हदों से गुजरने को जी चाहता है
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
जो कहना है उनसे कहें भी तो कैसे
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
बिना कुछ कहे हम रहें भी तो कैसे
कसम चाहतों की मोहब्बत में अब तो
हदों से गुजरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
मगर बात करने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
मगर बात करने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
जो दिल की दुआ है कभी काम आए
घड़ी दो घड़ी को तो आराम आए
जो दिल की दुआ है कभी काम आए
घड़ी दो घड़ी को तो आराम आए
घड़ी दो घड़ी को तो आराम आए
जो दिल की दुआ है कभी काम आए
घड़ी दो घड़ी को तो आराम आए
घड़ी दो घड़ी को तो आराम आए
सनम बाजुओं के हसीं दायरे में
रो कर बिखरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं, हम उनसे खफा हैं
मगर बात करने को जी चाहता है
बड़ी दिलनशीं हैं, ये उनकी अदाएँ
अदाओं पे मरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
मगर बात करने को जी चाहता है
बड़ी दिलनशीं हैं, ये उनकी अदाएँ
अदाओं पे मरने को जी चाहता है
वो हमसे खफा हैं हम उनसे खफा हैं
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