नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो
लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई हो
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो - 2
हो त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो
लव कुश के जैसी सन्तान हमारी हो - 2
श्रद्धा हो श्रवण जैसी, शबरी सी भक्ति हो
लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई हो
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो - 2
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना होहो त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो
लव कुश के जैसी सन्तान हमारी हो - 2
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना होश्रद्धा हो श्रवण जैसी, शबरी सी भक्ति हो
हनुमत के जैसी निष्ठा और शक्ति हो - 2
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो
मेरी जीवन नैय्या हो प्रभु राम खेवैय्या हो
राम कृपा की सदा मेरे सर पे छैया हो - 2
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो
और चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो
सरयू का किनारा हो निर्मल जल धारा हो
दरश मुझे भगवन जिस घड़ी तुम्हारा हो- 2
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो
और चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो
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