फ़िल्म - नाज़ायज़ (1995)
गीतकार - सुदर्शन फाकिर
संगीतकार - अनु मलिक
स्वर - कुमार सानू, रूप कुमार राठौड़
बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में - 2
मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया
मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है
हो आज पैमाने हटा दो यारों
हाँ सारा मयख़ाना पिला दो यारों
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
बरसात के मौसम में, तन्हाई के आलम में - 2
मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया
मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दोअभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है
हो आज पैमाने हटा दो यारों
हाँ सारा मयख़ाना पिला दो यारों
मयकदों में तो पीया करता हूँ
मयकदों में तो पीया करता हूँ
चलती राहों में भी पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम
बाद पीने के ये होंगे कम
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम
बाद पीने के ये होंगे कम
हो ज़ुल्म दुनिया के न सह पाऊंगा
बिन पिए आज न रह पाऊंगा
मुझे हालात से टकराना है
मुझे हालात से टकराना है
ऐसे हालात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
हो आज की शाम ढलेगी कैसे
हां आज की रात कटेगी कैसे
आग से आग बुझेगी दिल की
आग से आग बुझेगी दिल की
मुझे ये आग भी पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मयकदों में तो पीया करता हूँ
चलती राहों में भी पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम
बाद पीने के ये होंगे कम
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम
बाद पीने के ये होंगे कम
हो ज़ुल्म दुनिया के न सह पाऊंगा
बिन पिए आज न रह पाऊंगा
मुझे हालात से टकराना है
मुझे हालात से टकराना है
ऐसे हालात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
हो आज की शाम ढलेगी कैसे
हां आज की रात कटेगी कैसे
आग से आग बुझेगी दिल की
आग से आग बुझेगी दिल की
मुझे ये आग भी पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो..जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
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