तू कही भी रहे
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है -2
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
मुझको तू अपना बना या ना बना तेरी ख़ुशी -3
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
मेरे हिस्से में कोई ज़ाम ना आया ना सही -3
तेरी महफ़िल में मेरे नाम कोई शाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
देख कर लोग मुझे नाम तेरा लेते हैं -3
इसपे मैं खुश हूँ मोहब्बत का ये अंजाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
वो सितमगर ही सही देख के उसको 'साबिर' -3
शुक्र है इस दिल-ए-बीमार को आराम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है-2
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है
तू कहीं भी रहे, सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
~ साबिर जलालाबादी