जब कोई बात बिगड़ जाए
फिल्म - जुर्म (1990)
गीतकार - इंदीवर
संगीतकार - राजेश रोशन
स्वर - कुमार सानू, साधना सरगम
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
ना कोई है, ना कोई था ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़ - 2
हो चांदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
वफादारी की वो रस्में निभायेंगे हम तुम कस्में
एक भी सांस ज़िन्दगी की जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
दिल को मेरे हुआ यकीं हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
ना कोई है, ना कोई था ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़ - 2
हो चांदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
वफादारी की वो रस्में निभायेंगे हम तुम कस्में
एक भी सांस ज़िन्दगी की जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
दिल को मेरे हुआ यकीं हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
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