Sunday, 24 February 2019

Raat Kali Ek Khwab Mein Aayi lyrics in Hindi

                       रात कली एक ख्वाब में आई

फिल्म - बुढ्ढा मिल गया (1971)

गीतकार - मज़रूह सुल्तानपुरी

संगीतकार - राहुल देव बर्मन

स्वर - किशोर कुमार

रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई - 2
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं, हो सके तुम्हीं बता दो
तुमने कदम तो रखा जमीं पर, सीने में क्यों झनकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जबसे ये मुखड़ा दिल में खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

यूँ तो हसीनों के माहाजबीनों के, होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूं, ऐसी तमन्ना एक नहीं कई बार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

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