लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में
फिल्म -कन्यादान (1968)
गीतकार - नीरज
संगीतकार - शंकर-जयकिशन
स्वर - मो. रफ़ी
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
कोई नगमा कहीं गूँजा, कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई
कोई खुशबू कहीं बिख़री, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
कोई नगमा कहीं गूँजा, कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई
कोई खुशबू कहीं बिख़री, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझेहज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
फ़िज़ा रंगीं अदा रंगीं, ये इठलाना, ये शरमाना
ये अंगड़ाई, ये तन्हाई, ये तरसा कर चले जाना
बना देगा नहीं किसको, जवां जादू ये दीवाना
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझेहज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
जहाँ तू है, वहाँ मैं हूँ, मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफ़िर मैं, तू मंज़िल है, मैं प्यासा हूँ, तू सावन है
मेरी दुनिया, ये नज़रें हैं, मेरी जन्नत ये दामन है
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझेहज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गए
जो रात आई तो, सितारे बन गए
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